राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, उ0प्र0।
राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, उ0प्र0। statenmhp.up@gmail.com
लक्ष्य-:
मनोरोग एवं उससे सम्बंधित रोगों के उपचार एवं बचाव, मनोरोग विधा द्वारा सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं के उत्थान एवं मानसिक स्वास्थ्य द्वारा देश के सम्पूर्ण उत्थान जैसे लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु भारत सरकार ने वर्ष 1982 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का आरम्भ किया गया जिसके अन्तर्गत पाइलेट फेज में वर्ष 1998 में जनपद कानपुर नगर को सम्मिलित किया गया। वित्तीय वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत उ0प्र0 के समस्त 75 जनपदों को आच्छादित किया जा चुका है।
उद्देश्य:-
1- समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना।
2- समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाना।
3- मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के विकास हेतु समुदाय की भागीदारी बढ़ाना।
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का क्रियान्वयन:-
1- जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डी0एम0एच0पी0) में कार्यरत् मनोरोग विशेषज्ञ (चिकित्सक) एवं क्लीनिकल साईकोलॉजिस्ट के सहयोग जिला चिकित्सालय में सप्ताह में 03 कार्यदिवसों हेतु ओ0पी0डी0 सुविधा प्रदान किये जाने का प्राविधान है।
2- कार्यक्रम के अन्तर्गत जिला चिकित्सालय स्तर पर समस्त मानसिक विकारों में आवश्यकतानुसार काउंसलिंग दिये जाने का प्राविधान है।
टारगेटेड इंटरवेंशन
1- कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद में चिन्ह्ति 08 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्दªों पर वर्ष में एक वृहद शिविर का आयोजन किये जाने का प्राविधान है।
2- अरबन स्लम क्षेत्रों, विद्यालय/महाविद्यालय/विश्वविद्यालयों एवं कार्यालयों में जागरूकता/काउंसलिंग/वर्क प्लेस स्ट्रेस मैनेजमेंट कार्यक्रमों का आयोजन किये जाने का प्राविधान है।
आई0ई0सी0 एक्टीविटी
1- समुदाय में मानसिक रोगों के प्रति व्याप्त भ्रान्तियों को दूर किये जाने हेतु प्रचार-प्रसार (आई0ई0सी0) के माध्यम से प्रारम्भ में ही मानसिक विकारों की पहचान हेतु जागरूकता कार्यक्रम ( आई0ई0सी0 एक्टीविटी) का आयोजन किया जाता है।
प्रशिक्षण
1- क्षमता विकास हेतु कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद स्तरीय चिकित्साधिकारियों, नर्स, काउसंलरों, सोशल वर्कर आशा एवं ए0एन0एम0 एवं अन्य पैरामेडिकल कर्मचारियों को मनोरोग विधा में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा सकें।